THE MILAN OF SRI GANESH AND HANUMAN IN RAMAYAN
एक बार रावण का पुत्र मेघनाथ शक्तिशाली बनने के लिए महायज्ञ कर रहा था | इस यज्ञ से वो भगवान श्री राम को हरा सके उतनी ताकत उसे मिल सकती थी | इस लिए इस यज्ञ को रोकने के लिए गणेशजी को भेजा गया था | मगर रावण के सैनिक पद्मव्यु की युद्ध निति अपना रहे थे | पद्मव्यु की इस निति को कोई तोड़ नहीं सकता था | स्वयं श्री गणेशजी भी नहीं | इस समस्या का हल सिर्फ हनुमाजी ही सुलझा सकते थे | इस लिए भगवान श्री राम ने श्री गणेशजी को हनुमानजी को बुलाने के लिए गंधमाधव पर्वत पे भेजा था | जहा हनुमानजी श्री राम नाम की धुन लगा रहे थे | और इस तरह श्री गणेशजी और हनुमाजी का पहेली बार रामायण में मिलन हुवाथा |