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भगवान शिव की महिमा और पूजा का महत्व | Lord Shiv Blog in Hindi #भगवानशिव #भोलेनाथ #महाशिवरात्रि #शिवपूजा #शिवमंत्र

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 🕉️ भगवान शिव: सृष्टि के संहारक और करुणा के प्रतीक| 🔱 भगवान शिव कौन हैं? भगवान शिव को त्रिदेवों में से एक माना जाता है – ब्रह्मा सृष्टिकर्ता, विष्णु पालनकर्ता और महादेव संहारकर्ता। लेकिन शिव केवल संहार के देवता ही नहीं, बल्कि योग, ध्यान, और करुणा के भी प्रतीक हैं। वे भोलेनाथ हैं – सरल हृदय, शीघ्र प्रसन्न होने वाले, और भक्तों की हर पुकार को सुनने वाले| 🌄 शिव का स्वरूप भगवान शिव का रूप अद्वितीय और रहस्यमय है: तीसरी आँख: ज्ञान और विनाश का प्रतीक गंगा की धारा: शुद्धता और जीवन नागों का हार: भय पर विजय त्रिशूल: सृष्टि, स्थिति और संहार डमरू: ब्रह्मांडीय ध्वनि 🕉️ शिवजी की पूजा का महत्व शिवलिंग की पूजा हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है। शिवलिंग ऊर्जा और चेतना का प्रतीक है। प्रतिदिन शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाने से मन को शांति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। 🔹 सोमवार का व्रत और पूजा सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर शिव की आराधना करने से विवाह, संतान और सुख-शांति की प्राप्ति होती है 🌑 महाशिवरात्रि: विशेष पर्व महाशिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार...

How did Lord Krishna finish? Shri Krishna

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  भूमिका: कौन थे भगवान श्रीकृष्ण? भगवान श्रीकृष्ण हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं, जिन्हें विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है। उनका जीवन, कर्म और उपदेश श्रीमद्भगवद गीता में वर्णित हैं। परंतु बहुत कम लोग जानते हैं कि महाभारत युद्ध के बाद श्रीकृष्ण का अंत कैसे हुआ  (How did Lord Krishna end?) महाभारत युद्ध के बाद यादव वंश में कलह और आंतरिक संघर्ष बढ़ने लगा। श्रीकृष्ण ने देखा कि उनके वंश में अधर्म और अहंकार बढ़ गया है। उन्होंने इस विनाश को रोकने के लिए कोई हस्तक्षेप नहीं किया, क्योंकि यह समय के चक्र का हिस्सा था। एक दिन, जब श्रीकृष्ण जंगल में ध्यान कर रहे थे, एक शिकारी जिसका नाम जरा था, ने उन्हें एक हिरण समझकर तीर मार दिया । तीर उनके पैर में लगा। श्रीकृष्ण ने मुस्कुराते हुए जरा को माफ कर दिया और कहा कि यह उनके पूर्व जन्म के कर्मों का फल है। किसने किया श्रीकृष्ण का अंत को?  श्रीकृष्ण को जरा नामक एक शिकारी ने मारा था। कहा जाता है कि जरा, त्रेता युग में वाली का पुनर्जन्म था, जिसे भगवान राम (श्रीकृष्ण के पूर्व अवतार) ने छुपकर मारा था। इसलिए यह कर्म का प्...

"श्रीकृष्ण जन्म कथा: मथुरा से गोकुल तक की अद्भुत यात्रा" "कृष्ण जन्म", "गोकुल में कृष्ण", "जन्माष्टमी महत्व"

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 भगवान श्रीकृष्ण का जन्म: एक दिव्य लीला की शुरुआत भूमिका: कृष्ण जन्म की अद्भुत कथा भारतवर्ष की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र घटना है।  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह ब्लॉग आपको श्रीकृष्ण के जन्म की कथा, उसका महत्व, और आध्यात्मिक संदेश से परिचित कराएगा। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कब और कहां हुआ? श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा नगरी में हुआ था। यह तिथि भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात के समय की मानी जाती है। इनके माता-पिता का नाम देवकी और वसुदेव था। कृष्ण जन्म की पृष्ठभूमि: कंस का आतंक मथुरा का राजा कंस, जो श्रीकृष्ण का मामा था, एक अत्याचारी शासक था।  जब एक आकाशवाणी ने भविष्यवाणी की कि देवकी की आठवीं संतान कंस का वध करेगी, तब कंस ने देवकी और वसुदेव को कारागार में बंद कर दिया और उनके छह बच्चों की हत्या कर दी। कृष्ण जन्म की चमत्कारी घटना आठवीं संतान के रूप में जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, उस समय मध्यरात्रि थी।  उसी समय कारागार के द्वार अपने आप खुल गए, पहरेदार गहरी ...

HANUMAN हनुमान जी: भक्ति, शक्ति और समर्पण के प्रतीक|

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 🌺 हनुमान जी: भक्ति, शक्ति और समर्पण के प्रतीक| हनुमान जी, जिन्हें अंजनीपुत्र, मारुति, पवनपुत्र और बजरंगबली के नाम से जाना जाता है, हिन्दू धर्म में शक्ति, भक्ति और बुद्धि के अद्वितीय प्रतीक हैं।  वे रामायण के प्रमुख पात्र हैं और भगवान राम के परम भक्त माने जाते हैं। उनकी भक्ति और समर्पण आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है| 📜 हनुमान जी का जन्म और प्रारंभिक जीवन| हनुमान जी का जन्म वानर राज केसरी और माता अंजना के घर हुआ था।  उनके पिता केसरी एक वीर और शक्तिशाली वानर थे, जबकि माता अंजना एक अप्सरा थीं जो श्रापवश पृथ्वी पर आई थीं।  ऐसा माना जाता है कि पवन देव की कृपा से हनुमान जी का जन्म हुआ, इसलिए उन्हें 'पवनपुत्र' भी कहा जाता है| बचपन से ही हनुमान जी में अपार बल, तेज और साहस था। उन्होंने सूर्य को फल समझकर निगलने की कोशिश की थी, जिससे उनकी शक्ति का परिचय मिलता है| 🙏 रामभक्ति और रामायण में भूमिका| हनुमान जी का जीवन श्रीराम के चरणों में समर्पित रहा।  वे पहली बार श्रीराम से ऋष्यमूक पर्वत पर मिले थे, जब श्रीराम सीता माता की खोज में निकले थे।  हनुमान जी न...

"भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार क्यों लिया? | "भगवान राम अवतार क्यों लिया" "Ram Avatar Ka Rahasya" "रावण वध की कथा"

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 🕉️ भगवान विष्णु ने राम के रूप में पृथ्वी पर अवतार क्यों लिया? |Ram Avatar Ka Rahasya हिंदू धर्म के अनुसार, जब भी पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है और धर्म का नाश होता है, तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर धर्म की पुनः स्थापना करते हैं। भगवान राम, भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं। उन्होंने त्रेतायुग में जन्म लेकर रावण जैसे राक्षसों का संहार किया और एक आदर्श मानव जीवन का उदाहरण प्रस्तुत किया| 🔱 अवतार का कारण रामायण के अनुसार, त्रेतायुग में राक्षसों का आतंक इतना बढ़ गया था कि साधु-संतों की तपस्या में विघ्न पड़ने लगा। रावण ने स्वर्ग और पृथ्वी पर अत्याचार फैला रखा था। उसने ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त कर लिया था कि वह देवताओं, दैत्यों, यक्षों और गंधर्वों से नहीं मरेगा। लेकिन उसने मानवों को कमजोर समझकर उन्हें अपने वध की सूची से बाहर रखा। यही उसकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई| देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि वे किसी मानव रूप में जन्म लेकर रावण का वध करें। तब भगवान विष्णु ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर राम के रूप में जन्म लिया| 🌺 राम का अवतार: केवल रावण वध नहीं भगवान...

"Shri Krishna: Life and Teachings"

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 "भगवान श्री कृष्ण के जीवन से प्रेरित होकर हम अपने जीवन को सही दिशा दे सकते हैं। जानिए उनकी शिक्षाएं और जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।" ✨ परिचय  भगवान श्री कृष्ण भारतीय संस्कृति और धर्म के अद्वितीय प्रतीक हैं। उनका जीवन केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि जीवन के प्रत्येक पहलू में मार्गदर्शन प्रदान करने वाला है। उनकी शिक्षाएं आज भी हमारे जीवन को दिशा देने में सक्षम हैं| 🌿 श्री कृष्ण का जीवन: एक संक्षिप्त परिचय  भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा में हुआ था। उनका बचपन गोकुल में बसा हुआ था, जहाँ उन्होंने माखन चोरी, गोवर्धन पर्वत उठाने जैसी लीलाएं कीं। उनका जीवन संघर्षों, प्रेम, और धर्म का अद्भुत मिश्रण था | 📖 श्री कृष्ण की प्रमुख शिक्षाएं  कर्मयोग: "तुम्हारा कर्म ही तुम्हारा धर्म है।" श्री कृष्ण ने गीता में कर्म की महत्ता को बताया। भक्ति: "जो मुझ पर विश्वास करता है, मैं उसका कभी त्याग नहीं करता।" उनकी भक्ति में सच्चाई और समर्पण की आवश्यकता है| समाजसेवा: "धर्म की रक्षा के लिए अधर्म का नाश आवश्यक है।"...

WHO IS RESPONSIBLE TO CREATE AND HANDLE OF THIS HUMAN UNIVERSE?

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              IN HINDUNISM THERE ARE MANY THEORIES ABOUT HOW THE UNIVERSE WAS CREATED IN EARLIEST DAYS.               LET'S EXPLORE SOME OF THEM. IN HINDUNISM THE UNIVERSE IS NOT SINGLE ENTITY.               THERE ARE INFINITE NUMBER OF UNIVERSE THAT ARE CONSTANTLY BEING CREATED AND DESTROYED.               TN OTHER WORDS, WE LIVE IN A UNIVERSE WILL ULTIMATELY DIE, BUT THE MULTIVERSE LIVES ON.               THERE ARE MANY UNIVERSE IN THIS GALAXY.               LORD VISHNU IS A PERSONIFICATION OF THIS MULTIVERSE.               ACCORDING TO HINDUNISM, LORD VISHNU WAS ASLEEP IN THE COSMIC OCEAN.OF ALL CAUSES BEFORE THE CREATION OF THE UNIVERSE.              HIS BED IS A GIANT SERPENT WITH THOUSANDS OF COBRA-LIKE HO...