श्रावण माह भगवान शिव के लिए विशेष क्यों होता है? – जानिए रहस्य और महत्व
श्रावण माह क्या है?
श्रावण माह (या
सावन), हिन्दू पंचांग के अनुसार पांचवां महीना होता है, जो आमतौर पर जुलाई से अगस्त के बीच आता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान शिव भक्त
विशेष पूजा-पाठ, व्रत और जलाभिषेक करते हैं।
🕉️ श्रावण माह में भगवान शिव का महत्व क्यों है?
1. समुद्र मंथन और हलाहल पान की कथा
पौराणिक मान्यता
के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब हलाहल विष निकला, तो संपूर्ण ब्रह्मांड को विनाश से बचाने के लिए भगवान शिव ने वह विष पी लिया। इससे उनका गला नीला पड़ गया, और वे नीलकंठ कहलाए।
➡️ यह घटना श्रावण माह में ही घटी थी, इसलिए इस महीने में भगवान शिव की आराधना
करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
2. श्रावण सोमवार व्रत की महिमा
श्रावण माह के हर सोमवार को श्रद्धालु सोमवार व्रत रखते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। ऐसा माना जाता
है कि इस व्रत से:
- विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती
हैं
- मनोकामनाएं पूरी होती हैं
- स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है
3. सावन शिवरात्रि का विशेष महत्व
श्रावण माह में
आने वाली शिवरात्रि, जिसे सावन शिवरात्रि कहा जाता है, बेहद पावन मानी जाती है। इस दिन रात्रि जागरण, शिव लिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, और धतूरा अर्पित किया जाता है।
🔱 श्रावण माह में कैसे करें भगवान शिव की पूजा?
✅ पूजन विधि:
- सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण
करें
- शिवलिंग पर जल, दूध और गंगाजल अर्पित करें
- बेलपत्र, भस्म, धतूरा और आक के फूल चढ़ाएं
- "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप
करें
- सोमवार व्रत रखें और शिव चालीसा
पढ़ें
🙏 श्रावण मास में क्या करें और क्या न करें?
✔️ करें:
- व्रत और नियम का पालन करें
- सात्विक भोजन करें
- ध्यान और मंत्र जाप करें
❌ न करें:
- मांसाहार और शराब से दूर रहें
- झूठ, छल-कपट और गुस्से से बचें
📌 निष्कर्ष
श्रावण माह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय है। जो भक्त
इस महीने में पूरी श्रद्धा और नियम से शिव की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में सफलता, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इसलिए कहा गया है
–
"श्रावण मास में शिव आराधना से होते हैं
सारे कष्ट दूर!"
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